सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोअ~स्तुते॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यस्यखिलेशवरी। एवमेय त्वया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्‌॥~~~~~~~~~~~~~~~~~~ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्‍टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय ह्रीं ॐ स्वाहा।।

Monday, 8 April 2013

बजरंग बली की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की.
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की. आरती कीजै …

जाके बल से गिरिवर कापें
रोग दोष जाके निकट न झांके
अंजनी पुत्र महा बलदाई
सन्तन के प्रभु सदा सहाई. आरती कीजै …
दे बीरा रघुनाथ पठाए
लंका जारि सिया सुधि लाए
लंका सो कोट समुद्र - सी खाई

जात पवन सुत बार न लाई
लंका जारि असुर संहारे
सियाराम के काज संहारे. आरती कीजै …
लक्ष्मन मूर्छित पड़े सकारे
आनि संजीवन प्राण उबारे
पैठी पताल तोरि जम-कारे
अहिरावण की भुजा उखारे
बाएं भुजा असुर दल मारे
दहिने भुजा संतजन तारे. आरती कीजै …
सुर नर मुनि आरती उतारें
जय जय जय हनुमान उचारें
कंचन थार कपूर लौ छाई
आरती करत अंजना माई
जो हनुमान जी की आरती गावे
बसि बैकुण्ठ परम पद पावे. आरती कीजै …



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