विधि-विधान से पूजा करने का उद्धेश्य यही है कि पूजा में कोई गलती न हों, और जिस कार्यसिद्धि के लिये पूजा की जा रही है, वह पूर्ण हों. और शुभ कार्य में कोई विध्न न आयें. कई बार ऎसा होता है कि हम विधि -विधान से पूजा करते है. लेकिन विचारा गया कार्य पूरा नहीं होता है. पूजा करने वाले व्यक्ति को इच्छानुसार फल की प्राप्ति नहीं हो पाती है. मां दुर्गा की आराधना करते समय कई सावधानियां रखी जानी चाहिए. ध्यान रखने योग्य बातें निम्न है.
1. माता दुर्गा की पूजा में दूर्वा, तुलसी और आंवले का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए. इसके अतिरिक्त आक के फूल भी पूजा में प्रयोग नहीं किये जाते है. लाल रंग के फूल माता दूर्गा को बेहद प्रिय है. अगर हो सके तो पूजा में लाल रंग के फूलों का प्रयोग करें.2. पूजा में प्रयोग किये जा रहे फूल शुद्ध होने चाहिए. कटे -फटे और खराब स्थिति के फूलों का प्रयोग माता की पूजा के लिये नहीं करना चाहिए. क्योकिं माता को लाल रंग के फूल पसन्द है. इसलिये प्रत्येक दिन की पूजा में ताजे लाल रंग के फूल लेने चाहिए. पुराने और बासी फूलों को पूजा में कभी भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. इससे की गई पूजा की शुभता में कमी होती है. लाल फूलों के अलावा चमेली, बेला, केवडा, पलाश, चंपा आदि के फूल भी पूजा के लिये लिये जा सकते है.
3. घर में अगर मां दुर्गा की एक से अधिक तस्वीरें या मूर्तियां है, तो उनकी साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. एक घर में दो से अधिक तस्वीरें या मूर्तियां रखना परिवार के लिये कष्टकारी होता है.
4. देवी की पूजा करते समय सूखे वस्त्र पहनकर ही पूजा करनी चाहिए. पूजा के समय बाल बंधे होने चाहिए.
5. हवन, पूजन और जप करते समय गले में कोई वस्त्र नहीं लपेटना चाहिए. तथा पूजन के समय ध्यान में एकाग्रता होनी चाहिए.
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